महिलाओं से संबंधित चाणक्य की बातें
चाणक्य के सिद्धांत जीवन को सफल बनाने और बेहतर जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं। इस नीति में परिवार और सामाजिक विकास में महिलाओं के चार विशेष गुणों की चर्चा की गई है।
आचार्य चाणक्य को सभी समय के भारतीय शास्त्रों के महानतम विद्वानों में से एक माना जाता है। उन्होंने हर उस विषय का बहुत गहराई से अध्ययन किया जो मानव जीवन को प्रभावित कर सकता था। यही कारण है कि चाणक्य के सिद्धांत आज भी प्रासंगिक हैं।
आचार्य चाणक्य विभिन्न विषयों के विद्वान थे। वे एक महान विद्वान होने के साथ-साथ एक कुशल राजनयिक भी माने जाते थे। चाणक्य की नैतिकता जीवन से जुड़ी विभिन्न समस्याओं और उनके समाधान पर प्रकाश डालती है।
चाणक्य ने ‘अर्थशास्त्र’ लिखा था। इस वजह से उन्हें कौटिल्य के नाम से जाना जाने लगा। चाणक्य के सिद्धांत जीवन को सफल बनाने और बेहतर जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं। इस नीति में परिवार और सामाजिक विकास में महिलाओं के चार विशेष गुणों की चर्चा की गई है।
आचार्य चाणक्य के अनुसार समाज को आकार देने में महिलाओं का भी विशेष योगदान है। परिवार का मान बढ़ाने में महिलाओं की अहम भूमिका होती है। समाज को आकार देने में महिलाएं कई मायनों में पुरुषों से आगे हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक सहनशक्ति और साहस होता है। महिलाओं में भी नई चीजें जल्दी सीखने की विशेष क्षमता होती है। सभी महिलाओं में सभी गुण होना संभव नहीं है। लेकिन चाणक्य के अनुसार जिन महिलाओं में चार विशेष गुण होते हैं, वे समाज में सबसे सफल हो सकती हैं।
आचार्य चाणक्य के अनुसार हमेशा सत्य के मार्ग पर चलने वाली महिला अपने परिवार को प्रगति के पथ पर आगे ले जा सकती है। इस समाज में हर जगह महिलाओं का सम्मान किया जाता है। मानव कल्याण के साथ-साथ यह गुण उसके चरित्र की शुद्धता को बनाए रखने में मदद करता है।
कौटिल्य के अनुसार नम्रता एक ऐसा गुण है जो शत्रु को भी सिर झुकाने पर मजबूर कर देता है। एक महिला जो स्वभाव से विनम्र होती है उसे सभी प्यार करते हैं और उसका सम्मान करते हैं। एक सज्जन महिला संवेदनशील होती है और हमेशा दूसरों के हितों के प्रति जागरूक रहती है।
चाणक्य नीति के एक श्लोक में चाणक्य कहते हैं कि महिलाओं में चार गुण होते हैं जो महिलाओं को पुरुषों से कई गुना आगे कर देते हैं।
पहला गुना- महिलाओं को दोगुनी भूख लगती है, आचार्य बताते हैं कि ‘स्त्रीनाम दिव्गुण अहरो’ यानी पुरुषों की तुलना में महिलाओं को कई गुना ज्यादा भूख लगती है। भोजन के मामले में वे पुरुषों से आगे हैं। चाणक्य इस सिद्धांत में कहते हैं कि महिलाओं को पुरुषों की तुलना में दोगुनी भूख लगती है। बॉडी कंपोजिशन की वजह से महिलाओं को ज्यादा कैलोरी की जरूरत होती है। इसलिए महिलाओं को संपूर्ण आहार खाने की सलाह दी जाती है।
पुरुषों से ज्यादा चालाक – महिलाओं के दूसरे गुण का वर्णन करते हुए चाणक्य अपने सिद्धांत में कहते हैं कि महिलाएं पुरुषों से ज्यादा स्मार्ट होती हैं। वे पुरुषों से ज्यादा होशियार हैं। महिलाएं अपनी बुद्धिमत्ता से जीवन की कठिन से कठिन परिस्थितियों से आसानी से निकल जाती हैं। आमतौर पर यह माना जाता है कि पुरुष महिलाओं की तुलना में अधिक साहसी होते हैं। लेकिन चाणक्य सिद्धांत ठीक इसके विपरीत कहता है।
पुरुषों से अधिक साहसी – चाणक्य सिद्धांतों के अनुसार महिलाएं पुरुषों की तुलना में 6 गुना अधिक साहसी होती हैं। महिलाएं किसी भी स्थिति से डरती नहीं हैं।
चाणक्य के अनुसार महिलाएं पुरुषों से आठ गुना ज्यादा खूबसूरत होती हैं। वहीं, पुरुषों में यह अहसास महिलाओं की तुलना में आठ गुना कम होता है।