सारांश
अब सारी परेशानी होगी दूर, शिव जी द्वारा रचित मंत्रों के जाप से| करे शिवजी द्वारा रचित इन मंत्रों का जाप bhagvan shiv ko aise kare prasanna puri hogi har manokamna
दोस्तों हम सब के जीवन में प्राकृतिक चीजों का जिस प्रकार से महत्व होता है। ठीक वैसे ही शास्त्रों का भी बहुत महत्व होता है। हमारे शास्त्र में कई सारी बातें ऐसे लिखी गई है। जो सिर्फ मनुष्य के उपकार के लिए है।
सफल होने के लिए क्या करे?
यदि मनुष्य उन सभी बातों का अनुकरण करेगा। तो वह अवश्य ही अपने जीवन में सफल होगा। सफल होने के लिए मनुष्य को केवल शास्त्र में लिखे गए मंत्रों का जाप करना है।
आज हम भी आपको एक मंत्र के बारे में बताने वाले हैं। जिसका निर्माण स्वयं शिव जी ने अपनी पत्नी पार्वती के कहने पर किया था।
इस मंत्र का जाप यदि कोई भी व्यक्ति करते वक्त अपनी मन की इच्छाओं को मन ही मन कहता है। तो उसकी सभी इच्छाएं पूरी होगी। safal hone ke liye kya kare?
ये गलतिया बिल्कुल ना करे, वरना होगी परेशानी
शिव जी द्वारा बताए गए इस मंत्र का जाप आप किसी और को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं कर पाएंगे। यदि आप किसी को हानि पहुंचाने के लिए इन मंत्रों का प्रयोग करेंगे। तो शिवजी के रौद्र रूप का सामना आपको करना पड़ सकता है।
यहां तक कि आपकी जान भी खतरे में पड़ सकती है। इसलिए शिव जी द्वारा बताए गए मंत्रों का जाप केवल लोगों के उपकार के लिए या अपने उपकार के लिए ही कीजिएगा। अन्यथा आपको उसका बहुत ही गंभीर परिणाम भुगतना पड़ेगा।
साबर मंत्र का जाप
शिव जी द्वारा युगों पहले साबर मंत्र का निर्माण किया गया था। कहा जाता है कि यदि इस मंत्र का जाप कर कोई व्यक्ति अपनी किसी इच्छा को सामने प्रकट करता है। तो उसकी इच्छा अवश्य ही संपूर्ण होती हैं।
यदि आप भी साबर मंत्र का जाप कर अपने जीवन के सभी सपने को साकार करना चाहते हैं। अपनी सभी इच्छाओं को पूर्ण करना चाहते हैं, तो उसके लिए आपको महाकाल कवच धारण करना होगा और उस कवच को धारण कर ही। आपको साबर मंत्र के माध्यम से मंत्रों का जाप कर सफलता हासिल होगी।
अब आपके मन में यह सवाल उठ सकता है कि साबर मंत्र को पढ़ते वक्त हमें अष्टधातु से निर्मित शिव जी के कवच को ही क्यों पहनना होगा। आखिर क्या है उस कवच में?
पंडितों द्वारा कहा जाता है, कि 12 ज्योतिर्लिंगों में से उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर का भस्म जिसे विश्व में सबसे पवित्र माना जाता है।
यहां तक कि खुद को महाकाल के भक्त बताने वाले नागा साधु भी उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर का भस्म ही अपने शरीर पर लगाकर घूमते हैं।
शिव कवच प्रयोग | महाकाल
मंत्रों का उच्चारण करते वक्त वह कवच आपके गले में होना चाहिए। कारण कवच में महाकाल का भस्म मौजूद हैं। यह भस्म जैसे ही कवच के माध्यम से आपको स्पर्श करेगा। वैसे ही आपके अंदर की सभी नकारात्मक ऊर्जा बाहर की ओर निकलना शुरू करेगी और आपके अंदर सकारात्मक उर्जा का प्रवेश होगा।
bhagvan shiv mahakal
महाकाल कवच से मिलेंगे अद्भुत लाभ
यह कवच आपके शरीर को आपके आत्मा से जोड़ता है। आपको सभी प्रकार के रोग, दुःख और व्याधि से भी बचाता है। यदि आपने इस कवच को धारण कर लिया। तो दुनिया की कोई भी काली शक्ति या कोई भी जादूई तंत्र मंत्र का असर आपके ऊपर बिल्कुल भी नहीं पड़ेगा।
महाकाल का भस्म आपके ऊपर आने वाले सभी विपदा को आप तक आने से पहले ही भस्म कर देगा। गंभीर से गंभीर बीमारी भी महाकाल के इस कवच ठीक हो सकता है।
नकारात्मक चिंता और नकारात्मक चीजें आपको छू ही नहीं पाएगी और आप हमेशा सकारात्मक शक्तियों से भरपूर रहेंगे।
कवच में आपको एक पंचमुखी रुद्राक्ष भी दिखेगा जिसका भी प्रभाव आपके ऊपर होगा। पंचमुखी रुद्राक्ष लोगों के चेहरे पर एक अजब सा तेज बिखेरता है। कठिन से कठिन परीक्षा भी आप पास कर जाएंगे। यदि आपके गले में शिव जी का कवच होगा। जिसमें पंचमुखी रुद्राक्ष भी शामिल हैं। हर कार्य में आप सफल होंगे।
साबर मंत्र | शिव को प्रसन्न करने के लिए उच्चारित शब्द
आद अंत धरती आद अंत
परमात्मा दोनों बीच बैठे
शिवजी महात्मा खोल घड़ा दे
खड़ा देखा शिवजी महाराज तेरे
शब्द का तमाशा
सोमवार के दिन करे यह उपाय
किसी भी सोमवार को सुबह स्नान आदि कर्म करके ईश्वर के समक्ष साफ वस्त्र पहनकर बैठे और शिव जी को सर्वप्रथम जल अर्पित करें।
उसके बाद कवच को धारण कर ऊपर बताएं गए मंत्र का जाप करें। देखना आपकी सभी मनोकामनाएं शीघ्र ही पूरी होगी।