सारांश
घर का मुख्य द्वार सिर्फ आने-जाने का द्वार नहीं होता, बल्कि यह आपके जीवन में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश द्वार भी होता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार, मुख्य द्वार का डिजाइन, दिशा और स्थिति घर में रहने वाले लोगों के जीवन को काफी प्रभावित कर सकती है।
इस ब्लॉग में, हम घर के मुख्य दरवाजे के वास्तुशास्त्र के बारे में जानेंगे और यह जानेंगे कि कैसे आप अपने घर के मुख्य द्वार को वास्तु के अनुसार बनाकर सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकते हैं।
मुख्य द्वार का महत्व
- मुख्य द्वार घर का मुख होता है। यह घर के बाहर की दुनिया से जुड़ने का मुख्य बिंदु होता है।
- मुख्य द्वार घर में प्रवेश करने वाली ऊर्जा को नियंत्रित करता है। यदि मुख्य द्वार वास्तु के अनुसार बनाया गया है, तो यह सकारात्मक ऊर्जा को घर में प्रवेश देगा और नकारात्मक ऊर्जा को बाहर रखेगा।
- मुख्य द्वार घर में रहने वाले लोगों के जीवन को प्रभावित करता है। यदि मुख्य द्वार वास्तु के अनुसार नहीं बनाया गया है, तो यह घर में नकारात्मकता और बाधाओं को जन्म दे सकता है।
घर का मुख्य द्वार: सुख-समृद्धि का प्रवेश द्वार
मुख्य द्वार के लिए वास्तु के कुछ नियम
मुख्य द्वार की दिशा:
- मुख्य द्वार की सबसे शुभ दिशा उत्तर या पूर्व दिशा है। आप पश्चिम या दक्षिण दिशा में भी मुख्य द्वार बना सकते हैं, लेकिन इन दिशाओं में कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए।
- मुख्य द्वार को कभी भी दक्षिण-पूर्व या उत्तर-पश्चिम दिशा में नहीं बनाना चाहिए।
मुख्य दरवाजा: वास्तुदोष कैसे ठीक करे?
- यदि आपके घर का द्वार बताए गए निषेध दिशा में है, तो आप घर में लाइट हेलिक्स और मेटल पिरामिड का इस्तेमाल करके, इस वास्तु दोष को ठीक कर सकते हैं।
- पीतल के पिरामिड या पीतल के हेलिक्स से घर के उत्तर पश्चिम में एक गेट की वस्तु दोष को ठीक किया जा सकता है।
- तांबे के हेलिक्स का इस्तेमाल करके दक्षिण पूर्व दिशा में मुख्य द्वार के वास्तु दोष को संशोधित किया जा सकता है।
मुख्य द्वार का आकार:
- मुख्य द्वार का आकार आयताकार या वर्गाकार होना चाहिए। गोल या त्रिकोणीय आकार के दरवाजे वास्तु के अनुसार शुभ नहीं माने जाते हैं।
- मुख्य द्वार का आकार घर के अन्य दरवाजों से बड़ा होना चाहिए।
मुख्य द्वार की सजावट
- बहुत सारे लोग घर में समृद्धि लाने के लिए मुख्य प्रवेशद्वार को देवी और देवताओं के डिजाइन वाली चित्रकारी के द्वारा सजावट करवाते हैं।
- इसके अलावा बहुत सारे लोग फर्श पर रोजाना रंगोली या रंगोली के आकार का डिजाइन का टाइल भी बनवाते हैं। जिससे घर में सौभाग्य आता है।
- इसके अलावा बहुत सारे लोग स्वास्तिक ओम, क्रॉस जैसे प्रतीक चिन्हों का भी इस्तेमाल सोभाग्य पाने के लिए करते हैं।
मुख्य द्वार की स्थिति:
- मुख्य द्वार घर के केंद्र में होना चाहिए। यदि यह संभव नहीं है, तो इसे घर के बाएं तरफ होना चाहिए।
- मुख्य द्वार को कभी भी किसी कोने में या सीढ़ियों के सामने नहीं बनाना चाहिए।
मुख्य द्वार की सफाई
घर के मुख्य द्वार पर एक रेखा होनी चाहिए। चाहे यह बीम की बनी हो या लकड़ी की बनी हो। इसका फायदा यह है कि यह नकारात्मक ऊर्जा को अपने भीतर अवशोषित कर लेती है।
मुख्य द्वार का रंग
- मुख्य द्वार का रंग लाल, पीला, नारंगी या हरा होना चाहिए। इन रंगों को शुभ माना जाता है और ये सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं।
- मुख्य द्वार का रंग कभी भी काला या नीला नहीं होना चाहिए।
लकड़ी का धनुष के आकार का द्वार
बहुत सारे लोग घर के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए धनुष के आकार का दरवाजा बनवाते हैं। घर में खुशहाली बनी रहे, इसके लिए आपको घर के मुख्य द्वार के आसपास साफ सफाई रखनी चाहिए।
इसके अलावा लकड़ी के धनुष का आकार दरवाजे को और चमकदार बनाने के लिए, आप उसके आसपास लाइट लगवा सकते हैं।
दरवाजों को हमेशा फूलों और गमलों से सजाएं। जिससे आपका घर देखने में आकर्षित लगे। घर के मुख्य द्वार के पास हरियाली होनी चाहिए।
घर के मुख्य द्वार का हैंडल कैसा होना चाहिए
घर के मुख्य दरवाजे का हैंडल पीतल का बनवा कर भी लगाया जा सकता है। खूबसूरती के लिहाज से लकड़ी के बने दरवाजों में इसे लगवाया जा सकता है।
हालांकि यदि घर का मुख्य दरवाजा पश्चिम दिशा में है, तो आपको इसे अवश्य लगवाना चाहिए। यदि आपके घर का मुख्य द्वार उत्तर दिशा में है, तो आप चांदी का बनाया हुआ हैंडल भी लगवा सकते हैं।
रंगीन हो मुख्य प्रवेश द्वार
घर के मुख्य द्वार को हमेशा हल्के रंगों से रंगना चाहिए। यदि घर का मुख्य द्वार लकड़ी का है, तो आप इसे हल्के पीले या पीले रंग के किसी भी शेड से रंगवा सकते हैं।
इससे घर में हमेशा सकारात्मक ऊर्जा आती है। दरवाजे को आप भड़कीले नारंगी रंग या लाल रंग से कभी भी कलर ना करवाएं। घर के मुख्य द्वार को काले रंग से भी कलर ना करवाएं। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश माना जाता है।
मुख्य द्वार के लिए उत्तम लकड़ी का दरवाजा
घर के मुख्य द्वार को बनवाने के लिए वास्तु शास्त्र के अनुसार हमेशा लकड़ी का इस्तेमाल करना चाहिए।
लकड़ी के द्वार घर में प्रगति और खुशी लाने के लिए महत्वपूर्ण कारक माने जाते हैं। घर का मुख्य द्वार घर के सभी दरवाजों से सबसे बड़ा होना चाहिए और दिखने में आकर्षित होना चाहिए।
यदि लड़की की बात करें तो, घर के मुख्य दरवाजे को सौगान के पेड़ की लकड़ी का बना हुआ होना चाहिए। घर में रहने वाले सभी सदस्यों का स्वास्थ हमेशा बना रहता है, और घर की सुरक्षा भी सुनिश्चित रहती है।
मुख्य द्वार के लिए कुछ वास्तु उपाय
- मुख्य द्वार पर स्वास्तिक या ॐ का चिह्न बनाएं।
- मुख्य द्वार के सामने एक दीपक जलाएं।
- मुख्य द्वार के सामने तुलसी का पौधा लगाएं।
- मुख्य द्वार को हमेशा साफ और स्वच्छ रखें।
- मुख्य द्वार पर कभी भी कूड़ा-कचरा या टूटे-फूटे सामान न रखें।
घर का मुख्य द्वार वास्तुशास्त्र में बहुत महत्वपूर्ण होता है। यदि आप अपने घर के मुख्य द्वार को वास्तु के अनुसार बनाते हैं, तो यह आपके जीवन में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा ला सकता है।