सारांश
जिसकी राशि में हो ये योग, उसका लव मैरिज ही होता हैं | कैसे जाने मेरा प्रेम विवाह होगा की नहीं? कुंडली मे प्रेम विवाह का योग। कुंडली में हो ये योग, तो प्रेम विवाह ही होगा, करेंगे अपनी पसंद से शादी. दोस्तों, एक जमाना था जब लोग शादी ब्याह के रिश्ते अपने माँ पिता के पसंद से ही किया करते थे लेकिन बदलते वक्त के साथ अब लोगों की सोच बदलने लगी है जिसमें अब लोगों को ये आजादी भी मिल चुकी है कि लोग अपने पसंद का जीवनसाथी चुन सके और उनसे विवाह कर सके जिसे आम भाषा में लव मैरिज कहा जाता है। वर्तमान समय में आधे से ज्यादा लोग अब लव मेर्रिज ही किया करते है।
कुंडली में प्रेम विवाह योग कैसे देखे?
शादी एक ऐसी चीज है जिसे लेकर हर किसी के मन में गुदगुदी सी होने लग जाती है। प्रायः हर व्यक्ति के मन में ये इच्छा एक बार तो जरूर उठती है कि उसकी शादी लव मेर्रिज होगी या अरेंज्ड मेर्रिज?
क्या आपके मन में भी ये सवाल उठता है और आप भी ये जानना चाहते है कि क्या आपकी शादी लव मैरिज होगी ? अगर आपका जवाब हां है तो हमारे आज के आर्टिकल को लास्ट तक जरूर पढ़ियेगा क्योंकि आगे हम आपको बताएंगे कि जिसकी राशि में हो ये योग, उसका लव मैरिज ही होता हैं ।
लव मैरिज होने के लिए राशि में मिलने वाला योग | कुंडली मे प्रेम विवाह का योग
कई लोग अपने राशि में लव मेर्रिज के योग देखने के लिए पंडित या ज्योतिषी के पास जाते है जिससे उन्हें पता चल पाएं कि उनका विवाह अरेंज्ड होने वाला है या लव मेर्रिज । जैसा कि हम सभी जानते है कि हर व्यक्ति के जीवन पर ग्रहों का बहुत ही ज्यादा प्रभाव पड़ता है इसलिए लोग शादी ब्याह के मामलों में सबसे पहले लड़का और लड़की की कुंडली ही मिलाते है जिससे यह पता चल सके कि ग्रहों की दशा के अनुसार दोनों एक दूसरे के लिए उचित वर वधु है या नहीं।
प्रेम विवाह होने के लिए कौन सा ग्रह जिम्मेदार होता है?
ज्योतिष के अनुसार चंद्र, मंगल, सूर्य, बुध, शुक्र, शनि, राहु, बृहस्पति और केतु कुल मिलाकर नव ग्रह होते है जिनमें से लव मेर्रिज का विचार केवल चंद्र, मंगल और शुक्र से ही किया जाता है। विशेषकर शुक्र को प्रेम का कारक ग्रह माना जाता ह।
कुंडली में प्रेम विवाह योग कैसे देखे?
तो यदि आप भी अपने कुंडली में लव मेर्रिज का योग देखना चाहते है तो आगे हम आपको बताएंगे कि किन किन योग के कारण होता है किसी भी व्यक्ति का प्रेम विवाह :-
जो व्यक्ति लव मेर्रिज करने की इच्छा रखते है या ये जानना चाहते है कि उनके कुंडली में प्रेम विवाह का योग कैसे बनता है उनके लिए बताना चाहेंगे कि जब भी किसी व्यक्ति का राहु लग्न में होता है और सप्तम भाव पर गुरु की दृष्टि होती है तो उस व्यक्ति का प्रेम विवाह होना निश्चित होता है।
प्रेम विवाह के योग कब कब बनते हैं?
जैसा कि धार्मिक मान्यताओं में प्रचलित है कि राहु को हमेशा ही वैसे कार्य करने अच्छे लगते है जो कि संस्कृति व लीक से भिन्न हो। राहु को सदा ही ऐसे कार्य करने वाले प्रवृति का माना जाता है । अतः राहु का संबंध विवाह भाव से होने पर वह व्यक्ति पारंपरिक परम्परा से हटकर विवाह करने का विचार करने लग जाता है जिसके कारण उस व्यक्ति का प्रेम विवाह होने की संभावनाएं बढ़ जाती है।
जिस व्यक्ति के जन्म कुंडली में मंगल का शनि या राहु से संबंध अथवा युति हो रही हो उस व्यक्ति की भी लव मैरिज होने की संभावनाएं बढ़ जाती है। हमारे जन्म कुंडली में मंगल, शनि और राहु को बहुत ही अशुभ या कह सकते है कि पापी ग्रह माना जाता है इसलिए जिस भी व्यक्ति के कुंडली में इन तीनों ग्रहों में से जब कोई भी ग्रह विवाह भाव ,भावेश से संबंध बनाता है तो उस व्यक्ति के कुंडली में अपने परिवार के सहमति के खिलाफ जाकर विवाह करने की संभावनाएं और भी अधिक बढ़ जाती है।
इसके साथ ही जिस भी व्यक्ति की कुंडली में सप्तमेश और शुक्र पर राहु या शनि की नजर हो , उस व्यक्ति के भी प्रेम विवाह होने की संभावनाएं होती है। जिस व्यक्ति की राशि में ये योग होता है उनका लव मैरिज ही होता है।
प्रेम विवाह होने के संकेत
शादी एक ऐसी चीज है जिसमें आपके कुंडली पर ग्रहों का योग बनना बहुत ही आवश्यक होता है और बात जब प्रेम विवाह की हो रही है तो आपको बताना चाहेंगे कि प्रेम विवाह के योग में जब पंचम भाव में मंगल हो अथवा पंचमेश और एकादशेश का राशि परिवतन या दोनों कुंडली के किसी भी एक भाव मे एक साथ स्थित हो, उस स्थिति में भी लव मैरिज होने के ज्यादा संभावनाएं बनती है।
जिस भी व्यक्ति के कुंडली में मंगल या चंद्र पंचम भाव के स्वामी के साथ पंचम भाव में ही स्थित हो तब उस व्यक्ति के कुंडली में लव मेर्रिज होने के योग बनने लग जाते है। इसके अलावा सप्तम भाव के स्वामी के साथ सप्तम भाव में ही हो तो भी प्रेम विवाह होने के अवसर बढ़ जाते है और ऐसे व्यक्ति का लव मैरिज होता है।
प्रेमविवाह | ज्योतिषीय योग Love marriage
इसके साथ ही साथ उस व्यक्ति के कुंडली मे भी लव मेर्रिज का योग होता है जिनकी राशि में शुक्र लग्न से पंचम या नवम अथवा चंद्र लग्न से पंचम भाव में स्थित हो तो भी लव मैरिज होने की संभावनाएं होती है।
आपकी कुंडली में प्रेम विवाह योग है या नहीं?
अगर आप भी प्रेम विवाह करना चाहते है तो आपको बताना चाहेंगे कि इसके लिए व्यक्ति के कुंडली में लग्न व पंचम भाव के स्वामी एक साथ स्थित होने चाहिए या फिर लग्न व नवम भाव के स्वामी एक साथ बैठे होने चाहिए अथवा एक दूसरे को देख रहे होने चाहिए । जिस व्यक्ति के कुंडली में ग्रहों की ऐसी स्थिति बनती है उनका प्रेम विवाह होना लगभग तय ही होता है।
जो व्यक्ति लव मेर्रिज करने के इच्छुक है उन्हें बताना चाहेंगे कि अगर आप भी लव मैरिज करना चाहते है या जानना चाहते है कि आपके कुंडली में प्रेम विवाह का योग बनता भी है कि नही तो इसके लिए आपकी कुंडली में चन्द्र व सप्तम भाव के स्वामी एक दूसरे के साथ दृष्टि संबंध बना रहे हो तो भी ऐसी स्थिति में लव मैरिज होने की संभावना बन जाती है।