सारांश
दुनिया भर में 100 में से केवल 70% लोग ही अपने दाहिने हाथ का इस्तेमाल करते हैं, वह भी खाना खाते वक्त। बाकी के 30% लोग बाएं हाथ का इस्तेमाल करते हैं, खाना खाने के लिए। आखिर क्यों होती है बाएं हाथ से खाना खाने की मनाही? बांए हाथ से खाना क्यों नहीं खाना चाहिए, जानें इसके पीछे के कारण,
आप लोग किस हाथ से खाना खाते हैं। अपने बाएं हाथ से या फिर अपने दाहिने हाथ से। यदि आप दाहिने हाथ से खाना खाते हैं। तो फिर कोई बात नहीं। लेकिन जो व्यक्ति बाएं हाथ से खाना खाते हैं। आज हम उनके विषय में बात करने वाले हैं।
हमारे हिंदू धर्म में कहा जाता है कि बाएं हाथ का इस्तेमाल करके कभी भी खाना नहीं खाना चाहिए। इसके पीछे बहुत सारे कारण भी छिपे हुए है। क्या है वह कारण आइए जानते हैं-
खाना खाने से संबंधित कई सारी मान्यताएं है
सदियों से यह परंपरा चली आ रही है कि भोजन किस प्रकार करना चाहिए। भोजन को किस हाथ से खाना चाहिए एवं किस हाथ से नहीं खाना चाहिए। इन सभी बातों को हमारे पूर्वज ही तय कर गए थे।
पहले के समय में भले ही लोग पढ़े-लिखे नहीं होते थे। लेकिन वह बुद्धिमान बहुत ज्यादा होते थे। वह जिस तरह से चीजों को गौर करते थे और उस पर विचार विमर्श कर कुछ कहते थे। वह बिल्कुल सच साबित हो जाता था। आज के समय में पढ़े लिखे लोग भी उतना सटीक नहीं बोल पाएंगे। जितना कि हमारे पूर्वज एक समय में बोल कर गए थे।
बाएं हाथ से खाना क्यों नहीं खा सकते हैं?
हिंदू धर्म में कहा जाता है कि बाएं हाथ से खाना खाने से नकारात्मक ऊर्जा व्यक्ति के जीवन में प्रवेश करता है। उस नकारात्मक के कारण व्यक्ति की जिंदगी बर्बाद हो जाती है। बाए हाथ से अन्न को ग्रहण करना शुभ नहीं माना जाता है।
यदि शास्त्रों में किसी विषय के लिए कहा गया है कि वह गलत है या सही है। तो इसके पीछे बहुत सारे कारण होते हैं। यहां पर बाएं हाथ से ना खाने की सलाह इसलिए दी गई है क्योंकि हर चीज का एक अच्छा एवं पूरा प्रभाव होता है।
दाहिने हाथ से खाना खाने से सकारात्मक उर्जा व्यक्ति के जीवन में प्रवेश करता है। लेकिन बाएं हाथ से खाने से नकारात्मकता व्यक्ति को घेर लेता है।
इसलिए कभी भी व्यक्ति को अपने बाएं हाथ का प्रयोग नहीं करना चाहिए। यदि वह सचमुच में तरक्की करना चाहता है, खुशी चाहता है। तो उसे हमेशा अपने दाहिने हाथ का प्रयोग करना चाहिए खाना खाते वक्त।
खाना से ऊर्जा मिलती है
हम जो भी खाना खाते हैं। जब वह खाना हमारे शरीर में चला जाता है। तब हमें एक एनर्जी प्राप्त होती है। हमें ऐसा प्रतीत होता है कि मानो हमारे शरीर रूपी गाड़ी में किसी ने पेट्रोल या डीजल भर दिया है। हमें ताकत मिलनी शुरू हो जाती है।
यदि वही ताकत गलत हाथ से खाना खाने से उल्टा पड़ जाएं। तो खाना का हमारे शरीर में जाना अच्छा होता है। खाना यदि सकारात्मकता प्रदान करें। तो वह खाना हमारे शरीर को लगता भी है। यदि वही खाना शरीर को ना लगे और नकारात्मकता में परिवर्तित हो जाएं। तो हम बिमार और कमजोर हो जाएंगे।