सारांश
एक भाई और एक बहन के बीच का संबंध बहुत अनोखा होता है। वे एक-दूसरे के सबसे अच्छे दोस्त होते हैं और एक-दूसरे के रक्षक भी होते है। भाई-बहनों के बीच की भावनाओं को समझना बहुत मुश्किल होता है। हिंदू धर्म में कुछ ऐसे विशेष दिन होते हैं जो भाई और बहन के बीच प्यार को मजबूत करता हैं। भैया दूज एक ऐसा अवसर है जो भाई-बहनों के बीच के प्रेम को परिभाषित करता है। यह अद्भुत त्योहार एक महत्वपूर्ण अवसर है।
इस दिन को बहनें अपने प्यारे भाई की लंबी उम्र, कल्याण और समृद्धि के लिए भगवान से प्रार्थना करती हैं। यह अवसर दिवाली त्योहार के दो दिनों के बाद होता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, यह अवसर कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष के दूसरे दिन होता है जो अक्टूबर और नवंबर के बीच पड़ता है। भैया दूज का त्योहार वर्ष 2022 में 26 अक्टूबर, दिन बुधवार को पड़ने वाला है। Bhai Dooj 2022 Date And Time
क्या है भाईदूज मनाने की प्रथा?
पुराने हिंदू शास्त्रों के अनुसार, देवी यमुना अपने भाई भगवान यमराज के बेहद करीब थी। एकबार वह अपने भाई को देखने के लिए बहुत तरस रही थी क्योंकि वे लंबे समय से एक दूसरे से नहीं मिले थे। इसलिए, दीवाली के बाद दूसरे दिन जब उनका भाई उनसे मिलने आया, तो वह बहुत खुश हुई।
उन्होंने अपने भाई के लिए स्वादिष्ट भोजन बनाया और उनके माथे पर तिलक लगाकर उनके लंबे स्वस्थ जीवन के लिए प्रार्थना किया। भगवान यमराज अपनी बहन के इस आदर सत्कार से बहुत प्रभावित हुए। देवी यमुना ने कहा कि वह चाहती हैं कि वह हर साल उनके पास आएं और अपनी बहन के हाथों का बना हुआ भोजन ग्रहण करें।
तब से ही इस दिन को भाई दूज के रूप में मनाया जाने लगा। कहा जाता है कि कोई भी व्यक्ति जिसकी बहन अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती है, उसे कभी भी भगवान यमराज से डरने की जरूरत नहीं होगी, कारण उनकी बहन का प्यार उनकी हमेशा रक्षा करेगा।
भाईदूज को मनाते कैसे हैं?
भाई दूज काफी हद तक रक्षा बंधन के तरह ही मनाया जाता है। बस इस अवसर पर राखी कलाई पर नहीं बांधी जाती है। इस दिन, बड़े भाई-बहन अपने छोटे भाई-बहनों को उपहार और पैसे देते हैं। बहन बड़ी हो या छोटी वह अपने भाई के माथे पर टीका लगाती हैं और उसकी सलामती और सुरक्षा के लिए प्रार्थना भी करती हैं। यह प्रार्थना बहने उसी श्रद्धा और प्रेम के साथ करती है। जिस श्रद्धा और प्रेम के साथ स्वयं यम की बहन यमुना ने किया था। इस शुभ त्योहार को हर साल दिवाली के दो दिन बाद मनाया जाता है।
भाई दूज 2022 की पूजन विधि
भाई दूज के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लिजिए। इसके बाद घर के मंदिर में दिया जलाकर भगवान का मन ही मन ध्यान करें। इस दिन शादीशुदा बहनें अपने भाई को अपने घर बुलाकर उसका तिलक करती हैं। यदि आपका भाई व्यस्तता के कारण नहीं आ पा रहा है। तो आप भी अपने भाई के घर जाकर तिलक कर सकती हैं। साथ में भाई के लिए पिसे हुए चावल से चौक बनाएं और फिर भाई दूज की कहानी पढ़िए व औरों को भी सुनाएं।
इसके बाद भाई को तिलक किजिए। तिलक के बाद भाई की आरती किजिए। भाई के हाथ में कलावा बांधे और उनका मुंह मीठा करवाइए। इस दिन भाई को सूखा नारियल भी दिया जाता है। तिलक करते हुए मन ही मन भगवान से भाई की लंबी उम्र की कामना ज़रूर करें। फिर भाई को भोजन करवाइए और भाई लोग आपको अपनी इच्छानुसार अपनी बहनों को कुछ उपहार देना हैं।
पूजा सामग्री जो पूजा में होना ज़रूरी है–
भाई दूज के दिन कुछ विशेष पूजा सामग्री में कुछ चीजों को जरूर शामिल करना चाहिए। इनमें आरती की थाली, टीका, चावल, सूखा नारियल, मिठाई, कलावा, दीया, धूप और रुमाल का होना जरूरी है।
क्या भाई दूज पर नॉन वेज खा सकते हैं?
कई मांसाहारी खाद्य पदार्थ जैसे रेड मीट, अंडा, केकड़े आदि अत्यधिक गर्मी उत्पन्न करते हैं और तामसिक होते हैं। भाई दूज में इन आहारों से बचना चाहिए।
भाई दूज में किस अंगुली का प्रयोग किया जाता है?
भाई दूज की रस्में आप आपके भाई के लिए कर रहे हैं। इसलिए आपको अपनी अनामिका उंगली से उनके माथे पर तिलक करना है और उनकी ‘पूजा’ करके उनका सम्मान करना है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन बहन की अनामिका को सर्वशक्तिमान द्वारा दिव्य शक्ति प्रदान होता है। इसलिए यह रस्म खास है। BhaiDooj 2022 Date And Time