सारांश
शनि साढ़ेसाती का महिलाओं पर क्या असर होता है? दोस्तों, आपने आये दिन लोगों को ग्रहों की महादशा को ठीक करने के लिए कई प्रकार के बड़े बड़े जप और पूजा पाठ करते पाया होगा, ऐसा इसलिए क्योंकि ग्रहों की महादशा का हमारे जीवन पर बहुत ही नकारात्मक प्रभाव पड़ता है जिसे नियंत्रित करने के लिए लोग पूजा पाठ और अनुष्ठान इत्यादि करते है और अगर किसी के जीवन में शनि की साढ़े साती चल रही हो तो फिर उस व्यक्ति का जीवन बर्बाद ही हो जाता है। जिन लोगों का जीवन बुरे दौर से गुजर रहा होता है उनके मुंह से अक्सर आपने सुना ही होगा कि सनी की साढ़े साती चल रही है। विशेषकर जिन औरतों के जीवन में सनी की साढ़े साती चल रही होती है उनका जीवन अस्त व्यस्त हो जाता है। इसका बहुत ही बुरा प्रभाव उनके जीवन पर पड़ता है। आज का हमारा ये आर्टिकल इसी से संबंधित होने वाला है जिसमें हम आपको बताएंगे कि शनि साढ़े साती में औरत को सहनी पड़ती है क्या क्या तकलीफें ।
शनि की साढ़े साती आखिर है क्या
शनि की साढ़े साती के बारे में आपने तो कई बार सुना ही होगा लेकिन क्या आपको पता है कि शनि की साढ़े साती कहते किसे है ? जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है साढ़े साती अर्थात साढ़े सात वर्ष की काल अवधि । आपको बता दें कि शनि सभी 12 राशियों में घूमने के लिए 30 वर्ष का समय लेता है और प्रत्येक राशि में शनि ढाई वर्ष रहता है। जब किसी व्यक्ति के जन्म कुंडली में जन्म राशि यानी चंद्र राशि से 12 वें स्थान पर शनि का गोचर शुरू होता है तो इसी समय से उस व्यक्ति के जीवन में शनि की साढ़े साती का आरंभ हो जाता है। शनि एकमात्र ऐसी राशि है जो एक राशि में ढाई साल तक स्थित रहता ही है और तीन भावों को कुल मिलाकर 7.5 वर्षों के समय अंतराल में पूरा करता है जिसके कारण शनि के इस विशेष गोचर को शनि की साढ़े साती कहा जाता है। इसके अलावा शनि जब जन्म राशि अर्थात व्यक्ति के जन्म कुंडली में स्थित चंद्रमा से चतुर्थ भाव, अष्टम भाव में भ्रमण करता है उसे ढैया या शनि की छोटी साढ़े साती कहते है और अगर किसी व्यक्ति के जन्म कुंडली में शनि ग्रह बारहवें , पहले , दूसरे और जन्म के चंद्र के ऊपर से होकर गुजरे तो उसे शनि की साढ़े साती कहा जाता है। शनि के साढ़े साती के तीन चरण होते है जिसमें व्यक्ति को अलग अलग प्रकार की तकलीफों का सामना करना पड़ता है। जिस भी व्यक्ति के जीवन में शनि की साढ़े साती चल रही होती है उसे प्रत्येक चरण में कुछ न कुक तकलीफों का सामना करना पड़ ही जाता है जैसे शनि की साढ़े साती के पहले चरण में शनि जातक की आर्थिक स्थिति पर प्रभाव डालता है, दूसरे चरण में पारिवारिक जीवन पर बुरा प्रभाव डालता है और सबसे आखिर के तीसरे चरण में शनि जातक के स्वास्थ्य पर बहुत ही ज्यादा प्रभाव डालता है।
शनि साढ़ेसाती में औरत को सहनी पड़ती है ये तकलीफें
जिन औरतों की कुंडली में शनि की साढ़े साती चल रही होती है उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ जाता है। जैसा कि हमनें आपको बताया जिस भी औरत के कुंडली में शनि के साढ़े साती चल रही होती है इसके पहले चरण में उसका आर्थिक नुकसान बहुत ही ज्यादा होता है जिसमें अकारण पैसे खर्च होने शुरू हो जाते है। आप जितना भी पैसा बचाने की कोशिश करती है उतना ही ज्यादा पैसों का खर्च बढ़ता चला जाता है। जैसे जैसे शनि के साढ़े साती का पहला चरण गहराता चला जाता है वैसे वैसे ही घर में पैसे रूकने ही बंद हो जाते है और आपके परिवार को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ने लग जाता है। बीतते समय के साथ आर्थिक तंगी इस कदर बढ़ने लग जाती है कि घर पर पैसों की कमी के कारण खाने पीने तक की मुश्किलें आने लग जाती है। अचानक काम धंधा भी ठप्प पड़ जाता है जिससे आपके लिए घर चलाना मुश्किल हो जाता है और इसका पूरा असर धीरे धीरे आपके पारिवारिक जीवन पर भी पड़ने लग जाता है।
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शनि के साढ़े साती के दूसरे चरण में औरतों को पारिवारिक हानि पहुंचनी शुरू हो जाती है। घर पर अचानक से आई आर्थिक मुश्किलों का प्रभाव आपके शादी शुदा जीवन पर भी पड़ने लग जाता है । ऐसे में आपके अपने पति के साथ लड़ाई झगड़े होने शुरू हो जाते है और इसका बहुत ही बुरा असर आपके विवाहित जीवन पर पड़ने लग जाता है। घर पर आये इस बुरे दौर के कारण औरत के अपने पति के साथ संबंध भी खट्टे होने लग जाते है। शनि की साढ़े साती के इस चरण में औरत का दिमाग बेवजह भी गर्म रहता है और इस कारण से पूरा घर अशांत रहता है। जिन औरत की कुंडली में शनि की साढ़े साती होती है उनका पारिवारिक जीवन खराब होने लग जाता है। पति के साथ बढ़ते मनमुटाव के कारण उनके घर का सुख चैन सब कुछ छीन सा जाता है। इस चरण को सबसे अधिक नकारात्मक माना जाता है इसमें औरत के ऊपर आर्थिक परेशानियों के साथ ही साथ पारिवारिक अशांति की भी तकलीफें बढ़ने लग जाती है।
जिन औरतों की कुंडली में शनि की साढ़े साती चल रही होती है उन्हें सेहत का भी नुकसान होने लग जाता है। जातक को टीबी , कैंसर जैसी कोई लंबी बीमारी पकड़ लेती है जिसका बुरा प्रभाव आपके स्वास्थ्य पर पड़ने लग जाता है और आप एक लंबे समय तक के लिए रोग से ग्रसित होने लग जाते है। स्वास्थ्य खराब होने के कारण इसका बुरा प्रभाव आपके परिवार पर भी पड़ने लग जाता है। आप चाहकर भी अपने घर के काम काज को सही ढंग से नही कर पाती है जिससे घर परिवार के लोगों के नजरों में भी आपकी स्थिति खराब होने लग जाती है और परिवार में भी मनमुटाव शुरू हो जाता है। आपके बच्चों पर भी आपके साढ़े साती का असर पड़ने लग जाता है जिसके कारण बच्चे भी पढ़ाई के मार्ग से हट जाते है और परिवार विरोधी काम करने लग जाते है।